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संरक्षणवाद से प्रभावित हो सकता है निर्यात : फिक्की

Source : business.khaskhabar.com | May 01, 2017 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 exports can be influenced by protectionism ficci 206593नई दिल्ली। देश के अग्रणी उद्योग मंडल फिक्की ने रविवार को कहा कि दुनिया के विकसित देशों में संरक्षणवाद की नई लहर के चलते भारत का निर्यात कारोबार प्रभावित हो सकता है।

फिक्की ने अपने हालिया ‘बिजनेस कान्फिडेंस सर्वे’ के परिणामों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘वैश्विक विकास दर में लगातार सुधार हो रहा और दुनिया के अधिकांश हिस्से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन संरक्षणवाद की तेज होती लहर और नौकरियों के सृजन तथा विकास को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने अंदरूनी उद्योगों की ओर ध्यान देने की नीतियों में आई तेजी के चलते निर्यात कारोबार प्रभावित हो सकता है।’’

फिक्की ने एक बयान जारी कर कहा कि यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय उद्योग पहले से ही मांग में कमी की मार झेल रहा है, क्योंकि अधिकतर कंपनियों को कम दर पर ऋण का लाभ नहीं मिल पा रहा।

फिक्की द्वारा कराए गए इस सर्वेक्षण में 67 फीसदी लोगों ने निचली दरों पर ऋण का लाभ मिलने से जुड़े सवाल का जवाब नकारात्मक दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते शुक्रवार को कहा है कि विदेशी निवेश के मामले में भारत को वैश्विकरण का काफी लाभ मिला है, खासकर तब जब घरेलू निजी निवेश की दर धीमी रही।

पिछले वर्ष भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 18 फीसदी बढक़र रिकॉर्ड 46.4 अरब डॉलर हो गया, जबकि इस दौरान वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट दर्ज की गई।

मार्च, 2017 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा भारतीय कंपनियों के शेयरों और बॉण्ड में निवेश 15 वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। विदेशी निवेशकों ने मार्च, 2017 में भारतीय कंपनियों के शेयरों और बॉण्ड में 8.84 अरब डॉलर का निवेश किया, जो 2002 के बाद किसी एक महीने में आया सर्वोच्च विदेशी निवेश है।

फिक्की ने मार्च-अप्रैल, 2017 के बीच यह सर्वेक्षण किया, जिसमें 185 कंपनियों को शामिल किया गया।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि आठ नवंबर को लागू की गई नोटबंदी का असर अपेक्षा से पहले ही पटरी पर लौट आया।

फिक्की ने कहा है, ‘‘इस सर्वेक्षण के परिणाम से पता चलता है कि भारतीय उद्योग जगत में फिर से आत्मविश्वास जाग गया है, जबकि इससे पहले किए गए सर्वेक्षण में नोटबंदी के कारण मांग में आई कमी के चलते आत्मविश्वास काफी गिर गया था।’’

(आईएएनएस)

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