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भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अप्रैल-नवंबर अवधि में 38 प्रतिशत बढ़कर 31 अरब डॉलर रहा 

Source : business.khaskhabar.com | Dec 20, 2025 | businesskhaskhabar.com Gadget News Rss Feeds
 indias electronics exports rise 38 to $31 billion in april november period 777367नई दिल्ली । भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में सालाना आधार पर 38 प्रतिशत बढ़कर 31 अरब डॉलर हो गया है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई।  
इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात बढ़ने की वजह प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम का होना है, जिसने एप्पल जैसी दिग्गज वैश्विक कंपनियों को भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखलाएं स्थानांतरित करने के लिए आकर्षित किया है। 
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में आईफोन का निर्यात करीब 14 अरब डॉलर रहा है, जो कि कुल इलेक्ट्रॉनिक्स की निर्यात वैल्यू का करीब 45 प्रतिशत से अधिक है। 
पिछले महीने एप्पल की एक्सचेंज फाइलिंग में खुलासा हुआ था कि उसकी भारतीय इकाई की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 25 में 9 अरब डॉलर पर पहुंच गई है और वित्त वर्ष 25 में बने कुल आईफोन में से हर पांचवां आईफोन भारत में मैन्युफैक्चर और एसेंबल हुआ है। एप्पल की ग्लोबल प्रोडक्शन वैल्यू में भारत की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत हो गई है। 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2014-15 में लगभग 1.9 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में लगभग 11.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इसी अवधि में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात भी 38,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 3.27 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है।
2014-15 में भारत में केवल दो मोबाइल फोन निर्माण इकाइयां थीं, जिनकी संख्या अब बढ़कर लगभग 300 हो गई है। मोबाइल फोन उत्पादन 18,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जबकि निर्यात 1,500 करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 2 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी 2.0) देश के 10 राज्यों में स्थित हैं। इन परियोजनाओं में 1,46,846 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है और इनसे लगभग 1.80 लाख रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। 
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि अब तक 11 ईएमसी परियोजनाओं और 2 कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। ये सभी परियोजनाएं 4,399.68 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई हैं, जिनकी कुल परियोजना लागत 5,226.49 करोड़ रुपए है। इसमें से 2,492.74 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता के रूप में शामिल है।
--आईएएनएस
 

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