पेट्रोल, डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं : सीबीआईसी चेयरमैन संजय अग्रवाल
Source : business.khaskhabar.com | Sep 11, 2025 | 

नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल इन्हें जीएसटी के अंतर्गत लाना संभव नहीं है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस की ओर से सवाल पूछे जाने पर कि क्या पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, अग्रवाल ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर फिलहाल केंद्रीय उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर (वैट) लगता है और इन दोनों पेट्रोलियम पदार्थों से राज्यों को वैट के रूप में और केंद्र सरकार को केंद्रीय उत्पाद शुल्क के रूप में अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होता है।
उन्होंने आगे कहा, "राजस्व संबंधी प्रभावों को देखते हुए, इन वस्तुओं को फिलहाल जीएसटी के दायरे में लाना संभव नहीं है।"
सीबीआईसी चेयरमैन ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी परिषद के प्रस्ताव में शामिल नहीं किया है।
उस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि कानूनी तौर पर हम तैयार हैं, लेकिन यह फैसला राज्यों को लेना होगा।
वित्त मंत्री ने अपने बयान में कहा था कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी लागू होने के समय ही शामिल किया जाना तय था, "मुझे याद है कि मेरे दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बारे में बात की थी।"
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "राज्यों की सहमति के बाद, उन्हें परिषद में कराधान की दर तय करनी होगी। एक बार यह फैसला हो जाने के बाद, इसे कानून में शामिल कर लिया जाएगा।"
जुलाई 2017 में लागू हुए जीएसटी में पेट्रोल, डीजल और मादक पेय पदार्थों जैसे उत्पादों को तब से इसके दायरे से बाहर रखा गया था।
ये वस्तुएं केंद्र और राज्य सरकारों, दोनों के लिए उत्पाद शुल्क और वैट के माध्यम से राजस्व का प्रमुख स्रोत हैं। कई राज्यों के लिए, ये उनके कर राजस्व में 25-30 प्रतिशत से अधिक का योगदान करते हैं।
--आईएएनएस
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