मारुति की खड़ी हुई बंद डिजायर कार में लगी अचानक आग, इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने में कर रही आनाकानी
Source : business.khaskhabar.com | Sep 07, 2025 | 
जयपुर। पिंकसिटी के न्यू सांगानेर रोड एरिया में मारुति सुजुकी की स्विफ्ट डिजायर कार संख्या RJ 45 CP 9592 जो बंद थी, अचानक आग लग गई। जैसे-तैसे आग पर काबू तो पा लिया। लेकिन, इसके बाद इंश्योरेंस क्लेम को लेकर कार मालिकों की परेशानियां शुरू हो गईं। अब क्लेम दिलाने में मारुति कंपनी भी सहयोग नहीं कर रही है। कार मालिक परेशान हैं।
दरअसल, हुआ यह कि 5 सितंबर, 2025 की शाम करीब 8.00 बजे कार ऑनर कृष्ण अग्रवाल के पिता रोजाना की तरह ऑफिस से घर पहुंचे। गाड़ी बंद करके चाबी निकालने के बाद गाड़ी अंदर पार्किंग में खड़ी करने के लिए मैन दरवाजा खोलने लगे, उतनी ही देर में कार के लेफ्ट साइड में नीचे से तेज आग धधक गई। आग को देख वे हैरान-परेशान हो गए। शोर मचाया, परिवार के लोगों को बुलाकर जैसे-तैसे आग पर काबू पाया गया। लेकिन, तब तक कार में काफी नुकसान हो चुका था।
जाहिर, तत्काल बीमा इंश्योरेंस कंपनी को आग की सूचना दी गई। वहां से क्लेम इंटीमेशन का एक नंबर मिला। इसके बाद सर्वेयर ने बोला कि आप कार को मारुति के किसी भी ऑथराइज्ड वर्कशॉप पर भेज दीजिए। वह वहीं जाकर सर्वे रिपोर्ट बना देगा। सर्वेयर के दिए सुझाव के मुताबिक गाड़ी मारुति के ऑथराइज्ड वर्कशॉप प्रेम मोटर्स बाईस गोदाम जयपुर में भेज दी गई। वहां सर्वे करने के बाद सर्वेयर ने सूचित किया कि आपका क्लेम बिलकुल पास नहीं हो सकता। क्योंकि कार में आग फॉग लैंप के पास उसी की वजह से लगी है।
कार को जो मॉडल है, उसमें कंपनी फॉग लैंप लगाकर नहीं देती है। इसलिए आपको कुछ नहीं मिलेगा।
कार ऑनर कृष्ण अग्रवाल ने सर्वेयर को समझाने का प्रयास भी किया कि जिस फॉग लैंप की वह बात कर रहा है, वो फॉग लैंप मारुति कंपनी के सोडाला अजमेर रोड स्थित विपुल मोटर्स से अगस्त, 2021 में कार डिलीवरी के समय ही लगाकर दी गई। जिसका बिल में भी उल्लेख है। लेकिन, सर्वेयर कुछ सुनने को तैयार ही नहीं है, बल्कि अभद्र भाषा पर उतर आया।
मारुति कंपनी वाले सही या बीमा कंपनीःखास बात यह है कि कार का जीरो डेप्थ इंश्योरेंस मारुति कंपनी के जरिए ही डिजिट इंश्योरेंस से लिया गया है। मारुति कंपनी के कुछ डीलर के यहां इस बारे में बात की गई तो उनका कहना है कि किसी भी एसेसरीज जो मारुति के वर्कशॉप अथवा शोरुम से लगाई गई है, उसकी वजह से गाड़ी में कोई नुकसान होता है तो बीमा कंपनी क्लेम देने से इन्कार नहीं कर सकती। अब दुविधा यह है कि इनमें कौन सही है। क्या बीमा कंपनी ही फ्रॉड कर रही है, जैसी कि सोशल मीडिया हैंडल पर ग्राहकों की शिकायतें कंपनी के व्यवहार और पॉलिसी को लेकर ग्राहकों ने अंकित किए हैं।
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