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मेटा भारतीय यूजर्स के लिए बनाएगी हिंदी एआई चैटबॉट्स, शुरू की हायरिंग : रिपोर्ट 

Source : business.khaskhabar.com | Sep 08, 2025 | businesskhaskhabar.com Gadget News Rss Feeds
 meta will create hindi ai chatbots for indian users started hiring report 750899नई दिल्ली । मेटा भारतीय यूजर्स के लिए हिंदी में चैटबॉट्स बनाने पर काम कर रही है और इसके लिए कंपनी कथित तौर पर 55 डॉलर (करीब 4,850 रुपए) प्रति घंटा की दर पर अमेरिका में कॉन्ट्रैक्टर्स की हायरिंग कर रही है।

   
बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, ये भूमिकाएं भारत, इंडोनेशिया और मैक्सिको जैसे तेजी से बढ़ते बाजारों में अपनी एआई उपस्थिति का विस्तार करने की मेटा की बड़ी योजना का हिस्सा हैं।


रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरी लिस्टिंग से पता चलता है कि कॉन्ट्रैक्टर्स की हायरिंग क्रिस्टल इक्वेशन और एक्वेंट टैलेंट जैसी स्टाफिंग फर्मों के माध्यम से की जा रही है।


इसमें मुख्य रूप से इंस्टाग्राम, मैसेंजर और व्हाट्सएप पर काम करने वाले चैटबॉट्स के लिए कैरेक्टर्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


आवेदकों को हिंदी, इंडोनेशियाई, स्पेनिश या पुर्तगाली भाषा में धाराप्रवाह होना आवश्यक है और कहानी कहने, कैरेक्टर डेवलपमेंट और एआई कंटेंट वर्कफ्लो में कम से कम छह साल का अनुभव होना चाहिए।



हालांकि, मेटा की ओर से इस हायरिंग की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।



रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस्टल इक्वेशन ने मेटा की ओर से हिंदी और इंडोनेशियाई भाषा के पदों के लिए विज्ञापन दिया है, जबकि एक्वेंट टैलेंट की ओर से  "शीर्ष सोशल मीडिया कंपनी" के लिए स्पेनिश भाषा की भूमिकाओं के लिए भर्ती का विज्ञापन निकाला गया है।



इससे पहले सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा था कि चैटबॉट "वास्तविक दुनिया की दोस्ती को पूरक" बना सकते हैं और लोगों को डिजिटल साथियों के साथ अधिक आसानी से जुड़ने में मदद कर सकते हैं।



साथ ही, मेटा के एआई चैटबॉट्स पर बढ़ते फोकस की आलोचना भी हुई है। पहले की रिपोर्टों से पता चलता है कि मेटा के कुछ बॉट्स नाबालिगों के साथ अनुचित रोमांटिक या यौन बातचीत में शामिल थे, भ्रामक चिकित्सा सलाह दे रहे थे, और यहां तक कि नस्लवादी प्रतिक्रियाएं भी दे रहे थे। साथ ही, इले लेकर गोपनीयता संबंधी चिंताएं भी उठाई गई हैं।



बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट में पहले बताया गया था कि चैटबॉट बातचीत की समीक्षा करने वाले कॉन्ट्रैक्टर्स को अकसर नाम, फोन नंबर, ईमेल और सेल्फी जैसी संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी मिल जाती थी, जिससे इस तरह के डेटा के प्रबंधन को लेकर सवाल उठने लगे थे।



इन रिपोर्टों के बाद, अमेरिकी सांसदों ने मेटा की एआई नीतियों की कड़ी निगरानी की मांग की है।
--आईएएनएस
 

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