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भारत-यूके सीईटीए से अगले 3 वर्षों में कृषि और प्रोसेस्ड फूड उत्पादों के निर्यात में 50 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की उम्मीद

Source : business.khaskhabar.com | July 27, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 india uk ceta expected to increase exports of agricultural and processed food products by more than 50 percent in next 3 years 739761नई दिल्ली। भारत और यूनाइटेड किंगडम ने व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो कि एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौता है। यह समझौता दोनों देशों की दीर्घकालिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।  

इस साझेदारी के साथ यूके को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात पर शुल्क समाप्त हो गया है, जो व्यापार मूल्य का लगभग 100 प्रतिशत है। इसमें कपड़ा, चमड़ा, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण और खिलौने जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्र, साथ ही इंजीनियरिंग सामान, रसायन और ऑटो कंपोनेंट जैसे उच्च-विकास वाले क्षेत्र शामिल हैं। 

केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यूके को निर्यात किए जाने वाले भारतीय समुद्री उत्पादों, वस्त्र, चमड़ा और प्रोसेस्ड फूड पर शुल्क शून्य कर दिया गया है, जो कि पहले 70 प्रतिशत था। भारत वैश्विक स्तर पर 14.07 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रोसेस्ड फूड उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि यूके 50.68 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात करता है, लेकिन भारतीय उत्पादों का योगदान केवल 309.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। 

अगले 3 वर्षों में कृषि और प्रोसेस्ड फूड उत्पादों के निर्यात में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद के साथ, भारत यूके सीईटीए का भारतीय कृषि और प्रोसेस्ड फूड क्षेत्र पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

यह समझौता भारतीय कृषि के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूके के बाजार लगभग सभी भारतीय कृषि निर्यातों के लिए शुल्क मुक्त हो गए हैं। भारत-यूके सीईटीए भारतीय किसानों को यूके के बाजार में इन उत्पादों के लिए प्रीमियम मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

यह समझौता वस्तुओं से आगे बढ़कर सेवाओं पर भी केंद्रित है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की एक प्रमुख ताकत है। 

सरकार के अनुसार, भारत ने 2023 में यूके को 19.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सेवाओं का निर्यात किया और सीईटीए ने इसे और बढ़ाने का वादा किया है। यूके द्वारा पहली बार, आईटी, स्वास्थ्य सेवा, वित्त और शिक्षा क्षेत्र के पेशेवरों के लिए आवागमन को आसान बनाया जा रहा है। 

एक और बड़ी सफलता दोहरी योगदान संधि (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) है, जो दोहरे सामाजिक सुरक्षा योगदान की आवश्यकता को समाप्त कर भारतीय फर्मों और श्रमिकों को 4,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत कराएगी।

दोनों देशों के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौते से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, कारीगरों, महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों और एमएसएमई सशक्त बनेंगे। 

इस समझौते में सूचना प्रौद्योगिकी/आईटी सक्षम सेवाएं, वित्तीय और व्यावसायिक सेवाएं, व्यावसायिक परामर्श, शिक्षा, दूरसंचार, वास्तुकला और इंजीनियरिंग का एक व्यापक पैकेज शामिल है, जो उच्च-मूल्य के अवसरों और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगा।
--आईएएनएस

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