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डिजिटल युद्ध में जापान की नई रणनीति: होंडा-निसान मिलकर बनाएंगे स्मार्ट कार ब्रेन, चीन को देंगे सीधी चुनौती

Source : business.khaskhabar.com | July 21, 2025 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 japan new strategy in digital war honda nissan will jointly develop smart car brain will give direct challenge to china 738024नईदिल्ली। होंडा और निसान अब हार्डवेयर से हटकर कारों के भविष्य को ‘स्मार्ट’ सॉफ्टवेयर के जरिए रीडिफाइन करने जा रहे हैं। दोनों जापानी दिग्गज कंपनियां एक साथ मिलकर अगली पीढ़ी का कार सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म यानी ‘डिजिटल ब्रेन’ तैयार करेंगी, जो चीन की तेजी से उभरती टेक कंपनियों जैसे BYD, Nio और Xpeng को चुनौती देगा। 10 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश के साथ यह साझेदारी बताती है कि अब ऑटोमोबाइल की लड़ाई इंजन नहीं, डेटा और डिजिटल इंटेलिजेंस से जीती जाएगी। 
इस गठबंधन में क्या है खास? 
होंडा और निसान के इस तकनीकी गठबंधन की सबसे खास बात इसका कॉमन सॉफ्टवेयर कोर है, जो दोनों कंपनियों की कारों को एक साझा डिजिटल रीढ़ पर आधारित करेगा। इसका मतलब है कि भले ही कारें अलग-अलग ब्रांड की हों, लेकिन उनका सॉफ्टवेयर बेस एक जैसा होगा, जिससे विकास की लागत घटेगी और तकनीकी अपग्रेड में तेजी आएगी। 
यह गठबंधन केवल इंफोटेनमेंट सिस्टम यानी म्यूजिक या स्क्रीन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी कार का संचालन डिजिटल सिस्टम से होगा, जिसमें ड्राइविंग कंट्रोल, नेविगेशन, रियल टाइम अपडेट जैसी कई सुविधाएं शामिल हैं। यानी सॉफ्टवेयर अब सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं, बल्कि वाहन की हर गतिविधि में केंद्रीय भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, दोनों कंपनियां डेटा के मालिकाना हक को अपने नियंत्रण में रखने की योजना बना रही हैं। 
इसका मतलब है कि वे अपनी खुद की डेटा प्लेटफॉर्म तैयार करेंगी और थर्ड पार्टी कंपनियों पर निर्भरता कम करेंगी। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि ग्राहकों की डेटा प्राइवेसी भी बेहतर तरीके से सुनिश्चित हो सकेगी। गठबंधन की एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि होंडा और निसान अब इलेक्ट्रिक मोटर्स और सेमीकंडक्टर जैसी महंगी तकनीकों को साझा करेंगी, जिससे न सिर्फ उत्पादन लागत घटेगी बल्कि नई तकनीकों के विकास में भी तेजी आएगी। कुल मिलाकर यह साझेदारी भविष्य की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को एक नई दिशा देने की ओर बड़ा कदम है। 
पृष्ठभूमि और महत्वः चीन की कंपनियों ने EV स्पेस में डिजिटल सुविधा को बहुत ही किफायती और सुलभ बना दिया है। इसके मुकाबले अब होंडा और निसान को भी महसूस हो गया है कि परंपरागत सोच छोड़कर, उन्हें ‘स्मार्ट कार’ के क्षेत्र में गंभीर निवेश और बदलाव करना होगा। 
भविष्य की दिशाः शुरुआत में भले ही दोनों कंपनियां अलग-अलग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें, लेकिन लक्ष्य है एक साझा ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ तैयार करना—बिल्कुल मोबाइल इंडस्ट्री की तरह, जहां Android बेस पर हर ब्रांड अपना यूज़र इंटरफेस देता है। होंडा और निसान का यह गठबंधन ऑटो इंडस्ट्री के लिए टेक्टोनिक शिफ्ट जैसा है। 
चीन की चुनौती के सामने टिके रहने और भविष्य की स्मार्ट कारों की रेस में बने रहने के लिए यह कदम जरूरी था। अब देखना यह है कि क्या जापानी टेक्नोलॉजी, डेटा और डिजिटल इंटेलिजेंस की इस नई दौड़ में चीन को मात दे पाएगी या नहीं।

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