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जिंदल स्टेनलेस किचन-उद्योग के लिए बनाएगी स्टेनलेस स्टील

Source : business.khaskhabar.com | Jan 06, 2019 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 jindal stainless steel will manufacture stainless steel 361479कोलकाता। जिंदल स्टेनलेस ने पूर्वी भारत के किचन-उद्योग में स्टेनलेस स्टील की मांग पूरी करने के लिए अपनी सहयोगी कंपनी के साथ जाजपुर इकाई में अतिरिक्त दो लाख टन सालाना कोल्ड रोल्ड उत्पादन क्षमता की स्थापना की योजना बनाई है, जो किचन-क्षेत्र की वृद्धि में सहायक होगी।

कंपनी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद किचन और बर्तन उद्योग एक बेहतर संगठित स्वरूप अपना रहे हैं, इसलिए इस क्षेत्र में अवसर कई गुना बढ़ गए हैं।

कोलकाता में आयोजित नौवें इंडियन स्टेनलेस स्टील हाउसवेयर शो के मौके पर जिंदल स्टेनलेस के सेल्स हेड विजय शर्मा ने मीडिया से कहा, ‘‘बर्तन-ग्रेड स्टेनलेस स्टील की 200 सीरीज (क्रोम-मैंगनीज) पेश कर, हम इस उद्योग की घरेलू खपत और निर्यात की व्यापक वृद्धि में सहायक रहे हैं। अब, हम एक नई रणनीति अपनाकर, पूर्वी भारत के भीतरी विकास के लिए कार्यरत हैं, जिसमें विनिर्माण में कॉइल विधि को अपनाना, सहायक इकाई में प्रतिबद्ध क्षमता बढ़ाना और पूर्वी भारत में लघु-उद्योगों के विकास के मौके सुगम बनाना शामिल हैं। इसके साथ हम उद्योग का कुल गुणवत्ता मानक बढ़ाएंगे, जिससे बेहतर जीएसटी अनुपालन के जरिए देश के राजस्व में योगदान बढ़ेगा।’’

भारत में स्टेनलेस स्टील के प्रमुख अनुप्रयोग केंद्रों में किचन-उद्योग 40-45 फीसदी की विशाल हिस्सेदारी रखता है। निर्मित उत्पादों में टेबलवेयर, कुकवेयर, कटलरी, गैस चूल्हा, सिंक, इत्यादि अनुप्रयोग शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र की वृद्धि सात फीसदी अनुमानित है, जबकि पूर्वी भारत में, जिसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और पूर्वोत्तर के आठ राज्य शामिल हैं, करीब चार फीसदी वृद्धि दर्ज हुई है।

पूर्वी भारत में स्टेनलेस स्टील की लघु-इकाइयों की अनुपस्थिति के कारण, इस धातु की उपलब्धता एक चुनौती है। इसलिए इस क्षेत्र में इस्पात के विकल्प, मसलन, एल्युमीनियम और प्लास्टिक का उपयोग जारी है, जो कि स्टेनलेस स्टील की असीम विकास क्षमता का मापदंड भी है। विकसित क्षमताओं के बल पर, इस क्षेत्र में लघु-उद्योगों के पनपने की उम्मीद है।

शर्मा ने कहा, ‘‘जिंदल स्टेनलेस के जाजपुर संयंत्र में कॉइल उत्पादन बढ़ते ही, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी भारत में संबद्ध लघु प्रसंस्करण इकाइयां उभरेंगी, जिनमें अगले दो-तीन वर्षों में एक लाख टन सालाना की अतिरिक्त खपत का अनुमान है। जिंदल स्टेनलेस विशेष योजनाओं और दिशा-निर्देशन के माध्यम से इन उद्योगों का समर्थन करेगी।’’
(आईएएनएस)

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