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आर्थिक विकास दर 7.5 फीसदी से अधिक रहेगी : राजीव कुमार

Source : business.khaskhabar.com | July 02, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 economic growth will be more than 75 percent rajiv kumar 324394नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि वर्तमान वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की विकास दर करीब 7.5 फीसदी रहेगी और यह 7.8 फीसदी हो सकती है।

हालांकि, ज्यादातर वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.3 और 7.4 प्रतिशत के बीच रखा है।

राजीव कुमार ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि आप अर्थव्यवस्था को 7.5 फीसदी से ऊपर पाएंगे। यह विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमान से अधिक है। लेकिन मैं संरक्षणवादी हूं...मुझे विश्वास है कि यह इससे भी अधिक जा सकती है।’’

उन्होंने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2018 की अंतिम तिमाही में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, इसलिए इसके बाद की तिमाहियों में वह इसे नीचे जाता हुआ नहीं देखते हैं।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘आने वाली तिमाहियों में इसे 7.7 प्रतिशत या उससे अधिक रहना चाहिए।’’

राजीव कुमार ने कहा कि चूंकि यह बीते वित्त वर्ष की पहली, दूसरी और तीसरी तिमाहियों में भी कम थी, इसलिए इसका एक अनुकूल आधार प्रभाव भी पड़ेगा। पहली तिमाही में विकास दर 5.7 फीसदी से कम रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सकल विकास दर 7.5 प्रतिशत रही। मैंने 7.5 से 7.8 फीसदी रहने की बात कही है।’’

कुमार की टिप्पणी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि वह पिछले सितंबर में यह भविष्यवाणी करने वाले पहले व्यक्ति थे कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी से निकल आई है और यह बढऩे के लिए तैयार है। यह पहली तिमाही में 5.6 फीसदी से ऊपर जाकर एक के बाद दूसरी तिमाहियों में क्रमश: 6.3 फीसदी, सात फीसदी और 7.7 फीसदी रही।

इस बीच विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 में 7.3 फीसदी की दर से वृद्धि करेगी और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 7.4 फीसदी का अनुमान लगाया है। इस महीने की शुरुआत में, फिच रेटिंग ने विकास अनुमान को 7.3 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी कर दिया।

यहां तक कि भारतीय शीर्ष बैंक आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.4 फीसदी की दर से आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है।

हालांकि, इन एजेंसियों में से ज्यादातर ने कच्चे तेल की उच्च कीमतों को एक बड़ा जोखिम बताया है। तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने भी आर्थिक सर्वेक्षण में जोर दिया था।
(आईएएनएस)

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