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वित्तवर्ष 22 की चौथी तिमाही के लिए भारत का जीडीपी डेटा : क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Source : business.khaskhabar.com | Jun 01, 2022 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india gdp data for the fourth quarter of fy22 what experts say 516470नई दिल्ली । वित्तवर्ष 2021-22 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वर्ष 2020-21 में 6.6 फीसदी के संकुचन की तुलना में 8.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो मंगलवार को आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है। वित्तवर्ष 2011 की इसी तिमाही के दौरान जीडीपी 4.1 प्रतिशत की दर से 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि वित्तवर्ष 2011 की समान तिमाही के दौरान यह 1.6 प्रतिशत थी।

जीडीपी के आंकड़ों पर कुछ पर्यवेक्षकों का क्या कहना है :

नाइट फ्रैंक इंडिया में अनुसंधान निदेशक विवेक राठी ने कहा : आपूर्ति की कमी, कच्चे तेल के झटके और उच्च इनपुट लागत के वैश्विक स्पिलओवर ने वित्तवर्ष 22 की चौथी तिमाही में भारत की विकास गति को विफल कर दिया। उच्च आवृत्ति खनन, निर्माण और निर्माण संकेतकों में इन कारकों का प्रभाव व्यापक रूप से देखा गया था। वित्तवर्ष 23 में अब तक, भारत के घरेलू मैक्रोज में रिकवरी वैश्विक विकास से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के प्रति लचीला रही है।

हालांकि, आपूर्ति पक्ष की चुनौतियां और मुद्रास्फीति स्पाइक्स, जो अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश को कम कर सकते हैं, भारत के आर्थिक विकास के लिए निकटवर्ती जोखिम हैं।

मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ निश भट्ट ने कहा : वित्तवर्ष 22 में भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और उच्च इनपुट लागत जैसे कई व्यवधान देखे गए।

वित्तवर्ष 23 की पहली तिमाही में सामान्य मानसून सकारात्मक होगा, जो कृषि उत्पादन में सुधार करने में मदद कर सकता है। हमारा मानना है कि सबसे अधिक व्यवधान हमारे पीछे है, कोविड और भू-राजनीतिक-संबंधी तनाव कम हो गए हैं।

उन्होंने कहा, कच्चे तेल की कीमतों और कच्चे माल में वृद्धि आगे बढ़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण जोखिम है।

--आईएएनएस

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