क्या 7.5 फीसदी संभव है? भारत के जीडीपी में वृद्धि पूर्वानुमान के प्रति बढ़ रहा जोखिम
Source : business.khaskhabar.com | Sep 10, 2022 | 

नई दिल्ली । भारत की दो अंकों की वार्षिक वृद्धि प्रथम दृष्टया प्रभावशाली
है, लेकिन वास्तविक प्रिंट बाजार की उम्मीदों से लगभग 2 प्रतिशत कम है और
साथ ही कमजोर अनुक्रमिक गति भी है। एक्यूइट रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में यह
जानकारी दी है।
एक्यूइट ने खरीफ चावल की फसल पर वर्षा के असमान
वितरण के प्रतिकूल प्रभाव के कारण अपने मौजूदा वित्तवर्ष 2023 जीडीपी विकास
अनुमान 7.5 प्रतिशत के बढ़ते जोखिम को स्वीकार किया है। वैश्विक मांग में
एक भौतिक मंदी की उम्मीद और केंद्र सरकार द्वारा अपने राजकोषीय घाटे के
लक्ष्य को पूरा करने के लिए कुछ बैक-लोडेड व्यय युक्तिकरण की संभावना है।
उच्च
वार्षिक वृद्धि संख्या के साथ एक कमजोर मौसमी रूप से समायोजित प्रिंट
हेडलाइन जीडीपी में एक अनुकूल सांख्यिकीय आधार की भूमिका को रेखांकित करता
है।
एक अनुकूल सांख्यिकीय आधार के संयोजन, आर्थिक गतिविधि का पूर्ण
अनलॉकिंग, विशेष रूप से कॉन्टेक्ट-इंटेन्सिव सेवा क्षेत्र में मांग में कमी
और उच्च टीकाकरण कवरेज ने भारत को वित्तवर्ष 2023 की पहली तिमाही में
जीडीपी में दोहरे अंकों में विस्तार करने में मदद की है।
जून को
समाप्त तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि मॉर्गन स्टेनली के आम
सहमति अनुमानों से कमजोर थी। हालांकि, घरेलू मांग अपेक्षाकृत स्वस्थ रही।
मॉर्गन स्टेनली ने एक रिपोर्ट में कहा कि क्यूई जून में उम्मीद से कम
वृद्धि उसके वित्तवर्ष 2023 के विकास अनुमानों के मुकाबले 40 बीपी की
गिरावट का जोखिम पैदा करती है।
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक
अनुसंधान विभाग की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है, "हेडलाइन जीडीपी जितना
खुलासा करती है उससे कहीं अधिक छुपाती है।"
रिपोर्ट में कहा गया,
"हम दृढ़ता से मानते हैं कि विनिर्माण क्षेत्र के विकास के अनुमान को इस
अर्थ में गंभीर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता है कि आईआईपी अभी भी 2012 के आधार
पर अनुक्रमित है। सीपीआई बास्केट भी 2012 के बाद से नहीं बदली है और इसके
परिणामस्वरूप कई बार सीपीआई मुद्रास्फीति को बढ़ा दिया गया है।"
एमके
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा गया कि क्रमिक संकुचन
के बावजूद, मजबूत वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि आंशिक रूप से अनुकूल आधार प्रभाव को
दर्शाती है, क्योंकि 2022 की पहली तिमाही की वृद्धि कोविड डेल्टा लहर से
गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही
घरेलू आर्थिक गतिविधि में सुधार हो रहा है, मगर अभी भी व्यापक-आधारित,
दीर्घ वैश्विक दबावों के रूप में ऊंची कीमतों, आपूर्ति की कमी, सिकुड़ती
कॉर्पोरेट लाभप्रदता, मांग पर अंकुश लगाने वाली मौद्रिक नीतियों और घटती
वैश्विक विकास संभावनाओं का उत्पादन पर भार है।
यह घरेलू विकास पर
दबाव डालेगा, जो अभी तक व्यापक-आधारित नहीं है। हम देख रहे हैं कि
वित्तवर्ष 2023 के लिए हमारे 7 फीसदी विकास पूवार्नुमान के लिए नकारात्मक
जोखिम बढ़ रहा है।
--आईएएनएस
[@ फिल्म इंडस्ट्री में सेक्स रैकेट का धंधा पांव पसारता जा रहा है,फंसी ये 11 एक्ट्रेस]
[@ लहसुन में समाए हैं सेहत के राज...
]
[@ मुंह की स्वच्छता जरूरी वरना नतीजे घातक... ]