businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

स्टेनलेस स्टील के उपकरणों से कम होगी चीनी मिलों की लागत : जिंदल

Source : business.khaskhabar.com | Aug 21, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 jindal stainless managing director abhyuday jindal said 335708इंदौर/नई दिल्ली। जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने सोमवार को कहा कि देश के चीनी उद्योग के सामने मौजूदा दौर में आधारभूत संरचनाओं में क्षरण एक बड़ी समस्या है जिसका समाधान स्टेनलेस स्टील में है। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग में स्टेनलेस स्टील के उपकरणों व बुनियादी संरचना तैयार करने से इस समस्या से निजात मिल सकती है। जिंदल इंदौर में आयोजित शुगर टेक्नोलॉजिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे।

इस मौके पर वैश्विक चीनी उद्योग सलाहकार जेपी मुखर्जी एंड एसोसिएट्स और जिंदल स्टेनलेस स्टील लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से चीनी उद्योग पर किए गए प्रौद्योगिकी संबंधी अध्ययन की रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी उद्योग के बुनियादी ढांचों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल होने से उसकी आयु लंबी होगी और इससे उद्योग का परिचालन खर्च कम हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, स्टेनलेस स्टील चीनी उद्योग के लिए बेहतरीन सामग्री है।

जिंदल ने कहा कि इस रिपोर्ट में स्टेनलेस स्टील की ताकत को दोहराया गया है। इसे कम रखरखाव, क्षरण मुक्त, आसानी से फैब्रिकेट होने वाली और हाइजीनिक धातु बताया गया है जिसका जीवनकाल लंबा होता है। उन्होंने कहा, यह अध्ययन बताता है कि चीनी उद्योग को स्टेनलेस स्टील समाधानों से आर्थिक रूप से काफी फायदा मिलेगा क्योंकि क्षरण संबंधी नुकसान 50 प्रतिशत तक कम हो जाएंगे।

उद्योग के अनुमान के अनुसार, भारत में चीनी उद्योग में क्षरण के कारण होने वाले सालाना नुकसान 25.0 करोड़ डॉलर है। अध्ययन के अनुसार, गन्ने के रस की अम्लीय प्रकृति और गैसियस डिस्चार्ज के कारण चीनी उद्योग के उपकरणों के रखरखाव में काफी अधिक लागत आती है। इससे चीनी मिल का कुल परिचालन खर्च बढ़ जाता है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीनी उद्योग अपने क्षरण एवं रखरखाव संबंधी नुकसान को कम करने में सक्षम है, बशर्ते यह उच्चतम ग्रेड वाले स्टेनलेस स्टील उपकरणों का प्रयोग करे। यह उपकरण भारत में आसानी से उपलब्ध है।

इस अध्ययन के परिणाम गहन परीक्षण और 300 से अधिक अनुप्रयोगों के बाद सामने आए हैं। कंपनी ने कहा कि इस अध्ययन में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल कर लागत विश्लेषण किया गया है। अध्ययन के अनुसार, शुरुआती खर्च ज्यादा होने के बावजूद स्टेनलेस स्टील के जीवनचक्र का विश्लेषण करने पर यह काफी सस्ता पाया गया।

शोध पत्र में दावा किया कि स्टेनलेस स्टील की स्वाभाविक रासायनिक प्रकृति से चीनी की गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं आयेगा। रिपोर्ट के अनुसार, स्टनेलेस स्टील अपने उत्कृष्ट हाइजीन और ताकत के कारण जूस डक्ट्स, क्रिस्टलाइजेशन यूनिट्स, कंडेन्सर्स, सिरप टैंक, केन कॅरियर, केन श्रेडर, डोनली शुट्स, पाइपिंग एवं रेक एलीवेटर्स में सबसे उपयुक्त धातु है।

[@ दो हजार रूपए में मिलेगी हार्ले से लेकर बुलट, जानिए कैसे]


[@ इस वजह से कुंवारी रह जाती है लड़कियां...]


[@ जानिए आजकल लड़कियां क्यों रहना पसंद करती हैं अनमैरिड....]