पनबिजली क्षेत्र में संयुक्त निवेश करेंगे नेपाल-भारत
Source : business.khaskhabar.com | Feb 25, 2022 | 

काठमांडू। नेपाल और भारत पनबिजली परियोजनों में संयुक्त निवेश करने के लिये
रजामंद हुये हैं। बुधवार को शुरू हुई दो दिवसीय नेपाल-भारत संयुक्त ऊर्जा
बैठक में दोनों देश पनबिजली क्षेत्र में संयुक्त निवेश के लिये सहमत हुये।
समझौते के तहत इसके लिये एक संयुक्त तकनीकी टीम का गठन किया जायेगा, जो
भारत द्वारा दिये गये प्रस्तावों का अध्ययन करेगी।
एक बड़ी पनबिजली परियोजना के निर्माण के लिये तकनीकी टीम में दोनों देशों के तीन-तीन सदस्य होंगे।
बैठक
में शामिल हुये एक अधिकारी ने बताया कि यही टीम संयुक्त निवेश पर जरूरी
सलाह देगी। यह टीम अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर पनबिजली परियोजना
और पारेषण लाइन में संयुक्त निवेश किया जायेगा।
दोनों देश और अधिक
पारेषण लाइन बनाने , निर्माणाधीन पारेषण लाइन को पूरा करने पर भी सहमत हुये
हैं। इसके अलावा बैठक में दोनों देशों के बीच नयी पारेषण लाइन स्थापित
करने ,अरुण पनबिजली परियोजना के पूरा करने और ऊर्जा आयात तथा निर्यात का भी
प्रस्ताव रखा गया।
बैठक के दौरान नेपाल ने अपने बिजली प्राधिकरण
द्वारा पेश किये गये कई प्रस्तावों को अनुमोदित करने का आग्रह किया। ये
प्रस्ताव भारत को विद्युत निर्यात करने के संदर्भ में हैं।
ऊर्जा
मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक नेपाल की विभिन्न पनबिजली परियोजनाओं
से भारत को बिजली का निर्यात करने के लिये भारत मंजूरी देगा।
मौजूदा
समय में नेपाल को भारत को सिर्फ 39 मेगावाट बिजली निर्यात करने की अनुमति
है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण ने अतिरिक्त 814 मेगावाट बिजली निर्यात करने
की अनुमति मांगी है। नेपाल ने अपनी पनबिजली परियोजनाओं की नयी सूची भारत को
सौंपी है, जिनसे वह भारत को बिजली का निर्यात करना चाहता है। इस सूची में
नयी परियोजनाओं को भी शामिल किया गया है।
बैठक में यह निर्णय लिया
गया कि ढालकेबर-मुजफ्फरपुर 400 किलोवाट पारेषण लाइन के जरिये 600 मेगावाट
बिजली का आयात-निर्यात किया जा सकता है। अब तक इस लाइन से 350 मेगावाट
बिजली ही आयात की जाती है।
गत साल सितंबर में नेपाल बिजली प्राधिकरण
और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के बीच समझौता हुआ था कि वे संयुक्त निवेश के
जरिये दोनों देशों के बीच गुजरने वाली बटवाल-गोरखपुर पारेषण लाइन के भारतीय
हिस्से का निर्माण करेंगे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 22
अप्रैल तक एक नयी कंपनी बनायी जायेगी, जो 400 किलोवाट की दूसरी पारेषण लाइन
बटवाल-गोरखपुर के बीच बनायेगी। (आईएएनएस)
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