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नए लेबर कोड 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स और मजबूत इंडस्ट्री की नींव

Source : business.khaskhabar.com | Nov 22, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 new labor codes lay the foundation for a future ready workforce and strong industry towards a self reliant india 769764नई दिल्ली । केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत चार श्रम संहिताओं- वेतन संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्‍यवसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्य शर्त संहिता, 2020 को 21 नवंबर, 2025 से लागू करने की घोषणा की है। इसे 29 मौजूदा श्रम कानूनों की जगह लागू किया जा रहा है।
 
श्रम सुधारों के बाद, सभी कामगारों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य कर दिया गया है। लिखित सबूत के साथ कामगारों को पारदर्शिता, रोजगार गारंटी और पक्का रोजगार होगा। सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 के तहत गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों सहित सभी कामगारों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज दी जाएगी। सभी कामगारों को पीएफ, ईएसआईसी, बीमा और दूसरे सामाजिक सुरक्षा लाभ उपलब्ध करवाए जाएंगे।
वेतन संहिता, 2019 के तहत, सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भुगतान पाने का कानूनी अधिकार होगा। नियोक्ताओं को 40 वर्ष से अधिक उम्र के सभी कर्मचारियों की सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच करानी होगी।
श्रम सुधारों के साथ सरकार ने नियोक्ताओं के लिए समय पर वेतन देना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा, महिलाओं को सभी जगहों पर सभी तरह के काम करने की अनुमति होगी, बशर्ते उनकी सहमति हो और जरूरी सुरक्षा उपाय किए गए हों। नए सुधारों के साथ ईएसआईसी कवरेज और इसके लाभ पूरे देश में बढ़ाए गए हैं। 10 से कम कर्मचारियों वाली जगहों के लिए यह स्वैच्छिक है और खतरनाक कामों में लगे एक भी कर्मचारी वाली जगहों के लिए यह अनिवार्य है।
नए सुधारों के साथ अनुपालन का बोझ कम करते हुए अब सिंगल रजिस्ट्रेशन, पैन-इंडिया सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न का नियम पेश किया गया है।
फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी (एफटीई) को स्थायी कर्मचारियों जैसे फायदे मिलेंगे, जिसमें छुट्टी, चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा शामिल होगी। एक साल बाद ग्रेच्युटी की योग्यता हासिल की जा सकेगी। गिग और प्लेटफ़ॉर्म श्रमिक के लिए एग्रीगेटर्स को एनुअल टर्नओवर का 1-2 प्रतिशत योगदान करना होगा।
महिलाओं और पुरुषों के लिए समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा, शिकायत निवारण समितियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया। उन्हें रात की शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी गई है बशर्ते उनकी सहमति हो और सुरक्षा के जरूरी उपाय किए गए हों।
युवा श्रमिकों के लिए सभी कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी की गारंटी सुनिश्चित की गई है। ऑडियो-विजुअल और डिजिटल मीडिया कामगारों के लिए नियुक्तिपत्र अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें उनका पदनाम, वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अधिकार साफ शब्दों में लिखे हों।
आईटी और आईटीईएस कर्मचारियों के लिए हर महीने की 7 तारीख तक वेतन का भुगतान अनिवार्य कर दिया गया है।
मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्र सरकार का यह कदम फ्यूचर रेडी वर्कफोर्स और मजबूत इंडस्ट्री की नींव रखता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लिए श्रम सुधारों को बेहतर बनाता है।




--आईएएनएस




 

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