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आरबीआई को भारतीय रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहिए: एसबीआई

Source : business.khaskhabar.com | July 08, 2022 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi should internationalize indian rupee sbi 520066चेन्नई । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भारतीय रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहिए।

एसबीआई ने एक शोध रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बैंक को रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए सचेत प्रयास करना चाहिए।

एसबीआई ने कहा, "रूस-यूक्रेन युद्ध और इसके कारण भुगतान में रुकावट, रुपये में निर्यात निपटान (एक्सपोर्ट सैटलमेंट) पर जोर देने का एक अच्छा अवसर है, जिसकी शुरुआत कुछ छोटे निर्यात भागीदारों के साथ हुई है।"

बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख ने ऋण खंड में बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) मानदंडों में ढील देने के आरबीआई के उपायों का भी स्वागत किया है।

एसबीआई के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर है और औसतन, ऊर्जा, बेस मैटल, कीमती धातु और कृषि से जुड़े उत्पादों की कीमतें 52 सप्ताह के उच्च स्तर से 25 प्रतिशत नीचे हैं। इसने चेताते हुए कहा कि बाजार में वैश्विक मंदी की आशंका एक पूर्ण वैश्विक मंदी में बदल रही है।

एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस तरह की गिरावट सिंक्रोनाइज्ड ग्लोबल रेट एक्शन का परिणाम है या बड़ी मंदी की वास्तविक आशंका है।"

भारत में, इस तरह के वैश्विक विकास का चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति प्रक्षेपवक्र (इन्फलेशन ट्राजेक्ट्री) पर सीधा असर पड़ सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "आरबीआई लिक्विडिटी को सामान्य करने में लगा हुआ है और शुद्ध एलएएफ (लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फेसिलिटी) अब लिक्विडिटी के 1.5 प्रतिशत की सीमा गैर-मुद्रास्फीति स्तर के करीब है। हालांकि, समस्या अव्ययित सरकारी नकदी शेष है, जो अब बढ़कर 3.1 खरब रुपये हो गई है।"

इसका प्रभावी रूप से तात्पर्य यह है कि कोर लिक्विडिटी यानी मूल नकदी अभी भी अप्रैल की शुरुआत में 8.3 खरब रुपये के मुकाबले 6.2 खरब रुपये है। इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने एनआरआई डिपॉजिट को और अधिक आकर्षक बनाकर पूंजी प्रवाह को बढ़ाने के उपायों की भी घोषणा की है।

एसबीआई ने कहा कि इन सभी उपायों का संचयी प्रभाव बाहरी क्षेत्र के लिए फायदेमंद होगा, इस तथ्य को देखते हुए कि कुल अनिवासी भारतीय (एनआरआई) डिपॉजिट्स ने वित्त वर्ष 2022 में 3.2 अरब डॉलर की आमद का प्रदर्शन किया था, जबकि वित्त वर्ष 2021 में 7.4 अरब डॉलर की आमद रही थी।

ऋण वृद्धि पर, एसबीआई ने कहा कि चालू वर्ष में बैंक जमा वृद्धि 1.04 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.6 लाख करोड़ रुपये हो गई है।

बैंक ऋण में निरंतर वृद्धि सहजता का विषय है और यह इंगित करता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अभी भी उथल-पुथल के बजाय अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है।

--आईएएनएस

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