मुनाफावसूली के कारण सीजन के शिखर से लुढक़ा सफेद सोना
Source : business.khaskhabar.com | May 31, 2018 | 

नई दिल्ली। मानसून के समय से पहले दस्तक देने और ऊंचे भाव पर मुनाफावसूली बढऩे के चलते घरेलू वायदा बाजार में रूई के दाम लगातार चार पांच दिन की तेजी के बाद बुधवार को सीजन के शिखर से गिरावट आई।
जानकारों की माने तो रूई में अभी तक फंडामेंटल्स में कोई तब्दीली नहीं आई है और सिर्फ मुनाफावसूली के कारण भाव लुढक़ा है। घरेलू वायदा बाजार में सभी वायदा सौदों में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। वहीं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी रूई का भाव एक नई ऊंचाई को छूने के बाद करीब पांच सेंट टूटा।
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बुधवार को शुरुआती कारोबार में अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मजबूत संकेतों से नई ऊंचाई पर पहुंचा और जून डिलीवरी सौदा पिछले सत्र के 22360 रुपये प्रति गांठ के मुकाबले मजबूती के साथ 22500 रुपये पर खुला और 22630 रुपये प्रति गांठ तक उछला। मगर, मुनाफावसूली के कारण विकवाली बढऩे से वायदा भाव लुढक़कर 21800 रुपये तक आ गया। हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी के साथ शाम पौने छह बजे एमसीक्सी पर जून वायदा पिछले सत्र से 510 रुपये या 2.28 फीसदी कमजोरी के साथ 21850 रुपये प्रति गांठ पर बना हुआ था।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार आईसीई पर जुलाई एक्सपायरी सौदा बुधवार को 96.30 सेंट प्रति पाउंड तक का उछाल लिया। मगर, बाद में करीब पांच सेंट लुढक़कर 91.47 सेंट प्रति पाउंड पर आ गया। बेंचमार्क कॉटन फ्यूचर मंगलवार को आईसीई पर 93.21 सेंट प्रति पाउंड पर बंद हुआ था। सभी सौदों में करीब चार फीसदी की तेजी पिछले सत्र में दर्ज की गई। एमसीक्स पर भी जून वायदा मंगलवार को 3.99 फीसदी यानी 860 रुपये की बढ़त के साथ 22390 रुपये प्रति गांठ पर बंद हुआ था।
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर विजय केडिया के मुताबिक सफेद सोना इस साल सबसे लाभकारी एग्री कमोडिटी रहा है। रूई का भाव पिछले चार-पांच सत्र में सीजन के शिखर पर पहुंच गया था। जिसके बाद मुनाफावसूली आना स्वाभाविक है। हालांकि मानूसन के समय से पहले आने से भी रूई के भाव पर असर है। इसके साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार भी टूटा है।
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