बजाज फाइनेंस ने अर्थसूत्र संवाद के माध्यम से हरियाणा में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दिया
Source : business.khaskhabar.com | Aug 28, 2025 | 
सोनीपत। भारत की सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) बजाज फाइनेंस लिमिटेड ने 'अर्थसूत्र संवाद' नामक अपनी वित्तीय साक्षरता पहल को हरियाणा तक पहुंचा दिया है। यह कार्यक्रम सोनीपत के हिंदू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण और कम बैंकिंग सुविधा वाले क्षेत्रों में वित्तीय समावेश (Financial Inclusion) को बढ़ावा देना है।
यह कार्यक्रम, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वित्तीय साक्षरता पहलों के अनुरूप, युवा पीढ़ी को वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline), धन प्रबंधन और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के तरीकों के बारे में शिक्षित करने पर केंद्रित है। इस पहल का लक्ष्य लोगों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है ताकि वे बेहतर आर्थिक निर्णय ले सकें।
रणनीतिक विस्तार और बाज़ार में पैठः
बजाज फाइनेंस का यह कार्यक्रम एक रणनीतिक कदम है, जिसके माध्यम से कंपनी ग्रामीण और अर्ध-शहरी बाज़ारों में अपनी पहुंच बढ़ा रही है। 'अर्थसूत्र संवाद' के जरिए, बजाज फाइनेंस सिर्फ वित्तीय उत्पाद बेचने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वित्तीय शिक्षा (Financial Education) प्रदान करके एक भरोसेमंद ब्रांड के रूप में अपनी छवि बना रही है। यह दीर्घकालिक ग्राहक संबंध बनाने और नए ग्राहक आधार तैयार करने में मदद करेगा। इस पहल से कंपनी को भविष्य में इन क्षेत्रों में अपनी सेवाओं (जैसे ऋण और निवेश) का विस्तार करने में सहायता मिलेगी, क्योंकि ग्राहक पहले से ही वित्तीय प्रणाली और कंपनी से परिचित होंगे।
वित्तीय सुरक्षा और जोखिम प्रबंधनः
आज के डिजिटल युग में, ऑनलाइन धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या बन गई है। बजाज फाइनेंस का यह कार्यक्रम इस खतरे के प्रति जागरूकता फैलाकर कंपनी और उसके ग्राहकों दोनों के हितों की रक्षा करता है। साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी, सुखबीर सिंह की भागीदारी इस बात पर जोर देती है कि कंपनी वित्तीय साक्षरता को केवल निवेश या बचत तक ही सीमित नहीं रख रही, बल्कि वह साइबर सुरक्षा (Cyber Security) जैसे महत्वपूर्ण पहलू को भी शामिल कर रही है। इससे ग्राहकों में कंपनी के प्रति विश्वास बढ़ता है और धोखाधड़ी से होने वाले वित्तीय नुकसान को कम करने में मदद मिलती है।
युवाओं का सशक्तिकरणः
जिला शिक्षा अधिकारी, नवीन गुलिया और प्रोफेसर डॉ. डी.पी. सिंह ने अपने संबोधन में वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि युवाओं को बैंकिंग और क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) की समझ होनी चाहिए। यह कार्यक्रम छात्रों को केवल किताबी ज्ञान से परे, वास्तविक जीवन के वित्तीय प्रबंधन के लिए तैयार करता है। सशक्त युवा पीढ़ी भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगी और यह बजाज फाइनेंस जैसे वित्तीय संस्थानों के लिए एक बड़ा बाज़ार बन सकती है।
आगे की राहः
बजाज फाइनेंस की योजना है कि इस कार्यक्रम को हरियाणा के गांवों में जमीनी स्तर पर भी आयोजित किया जाए और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए। यह दृष्टिकोण कार्यक्रम को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाएगा। इस तरह के कार्यक्रम से न केवल वित्तीय साक्षरता बढ़ती है, बल्कि यह भारत के वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को भी गति देता है, जो कि देश की आर्थिक वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है।
बजाज फाइनेंस का यह कदम सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) और व्यावसायिक रणनीति का एक सफल मिश्रण है, जो कंपनी को ग्रामीण और कम बैंकिंग सुविधा वाले क्षेत्रों में एक मजबूत और विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है।
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