businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

एफआईआई ने इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में 14,064 करोड़ का निवेश किया

Source : business.khaskhabar.com | Sep 21, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 fiis invested rs 14064 crore in the indian stock market this week 671228मुंबई । विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में 14,064 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो कि मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के बीच भारतीय बाजार की स्थिरता को दर्शाता है। शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मजबूत आर्थिक प्रदर्शन के बीच भारतीय बाजार में मजबूती बनी रही।  

एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर तक कुल एफआईआई निवेश 33,699 करोड़ रुपये रहा, जिससे इस साल अब तक देश में कुल एफआईआई निवेश 76,585 करोड़ रुपये हो गया।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले दिनों में एफआईआई की खरीदारी का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।

बीडीओ इंडिया के मनोज पुरोहित के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पिछले चार सालों में पहली बार ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है, जो अनुमान से ज्यादा था। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इस कदम के प्रति सचेत हैं तथा उन्होंने इस पर निष्क्रिय प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

मनोज पुरोहित ने कहा, "भारतीय बाजारों ने मजबूत बुनियादी ढांचे और अपेक्षित जीडीपी ग्रोथ पर मजबूत अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के आधार पर सकारात्मक रूप से अपने लचीलेपन को दर्शाया।"

सितंबर 2024 में निवेश की दर सबसे अधिक रही, पिछली बार मार्च में ऐसा हुआ था। विश्लेषकों ने कहा कि 20 सितंबर को समाप्त सप्ताह में एफआईआई के निवेश से रुपये में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे एफआईआई की खरीदारी को और बढ़ावा मिल सकता है।

वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत जैसे उभरते बाजारों को आकर्षक बनाने वाले प्रमुख कारक 'संतुलित राजकोषीय घाटा, भारतीय मुद्रा पर ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव, मजबूत मूल्यांकन और ब्याज दरों में कटौती के बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने का आरबीआई का दृष्टिकोण है।'

विश्लेषकों ने कहा कि इस साल घोषित आईपीओ ने विदेशी फंडों का एक बड़ा हिस्सा आकर्षित किया। इसके कारण भारतीय शेयर बाजार मजबूत हुआ। विदेशी निवेशक अन्य जोखिम भरे देशों की जगह भारत में निवेश करना चाहते हैं। भारतीय बाजार अब आकर्षक और सुरक्षित है।

अब सबकी निगाहें आरबीआई पर हैं कि क्या वह अक्टूबर में रेपो दर में कटौती करेगा या दिसंबर तक इंतजार करेगा। खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में मामूली कटौती करने का एक मजबूत मामला है, घरेलू बचत से ब्याज में कमी आई है, जिससे बैंकों का खुदरा ऋण कारोबार प्रभावित होता है।

बीडीओ इंडिया के मनोज पुरोहित ने कहा कि फेड की अब तक की कार्रवाई के बावजूद भारत की मौद्रिक नीति अधिक रूढ़िवादी रही है।

--आईएएनएस

 

[@ यह बच्चा धीरे धीरे बनता जा रहा है पत्थर!]


[@ गर्म पानी पीने के 8 कमाल के लाभ]


[@ बॉलीवुड में आने से पहले पेट पालने के लिए ये काम करती थी तापसी]