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औद्योगिक संबंध संहिता से कर्मचारी सशक्त होंगे और व्यापार में आसानी को मिलेगा बढ़ावा

Source : business.khaskhabar.com | Nov 23, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 industrial relations code will empower workers and promote ease of doing business 770111नई दिल्ली। औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 अनुपालन को सरल बनाकर और सामंजस्यपूर्ण नियोक्ता और कर्मचारी संबंधों को बढ़ावा देकर श्रम कानूनों में क्रांति लाती है। यह स्पष्ट, समान प्रावधानों के माध्यम से सामूहिक सौदेबाजी, विवाद समाधान और नौकरी की सुरक्षा को मजबूत करती है। यह जानकारी सरकार की ओर से रविवार को दी गई। 
औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 उन चार श्रम संहिताओं में से एक है, जिन्हें अधिनियमित किया गया है। यह संहिता कर्मचारियों को समान परिभाषाओं के साथ सशक्त बनाती है, जबकि नियोक्ताओं को परिचालन में अधिक लचीलापन प्रदान करती है। कुल मिलाकर, यह औद्योगिक शांति को बढ़ावा देती है, उत्पादकता को बढ़ाती है, और एक संतुलित, विकास-उन्मुख कार्य वातावरण का समर्थन करती है। 
औद्योगिक संबंध संहिता में मौजूदा तीन कानूनों - औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947, ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 एवं औद्योगिक सेवायोजन (स्टैंडिग आर्डर) एक्ट 1946 को समाहित किया गया है। इसके लागू होने से नियमों की संख्या 105 से घटकर 51, प्रपत्रों की संख्या 37 से घटकर 18, और रजिस्टरों की संख्या 3 से घटकर शून्य हो गई है, जिससे रोजगार को गति देने के लिए समग्र अनुपालन बोझ कम हो गया है और इससे व्यापार में आसानी को बढ़ावा मिला है। 
सरकार के मुताबिक, औद्योगिक संबंध संहिता एक संतुलित और प्रगतिशील ढांचा तैयार करती है जो श्रमिकों, नियोक्ताओं और अर्थव्यवस्था सभी को समान रूप से लाभ पहुंचाता है। यह श्रम समर्थक है, जो उचित प्रतिनिधित्व, नौकरी की सुरक्षा और त्वरित विवाद समाधान सुनिश्चित करती है। साथ ही, यह रोजगार समर्थक भी है, जो अनुपालन को सरल बनाती है और लचीली भर्ती को बढ़ावा देती है। महिला समर्थक उपायों के साथ जो समान प्रतिनिधित्व और कार्य लचीलेपन को प्रोत्साहित करते हैं, यह समावेशी भागीदारी को बढ़ावा देती है। 
अब तक ट्रेड यूनियनों को औपचारिक मान्यता नहीं थी, लेकिन नए कानून से मान्यता प्राप्त करने का स्पष्ट रास्ता खुल गया है। एक प्रतिष्ठान में 51 प्रतिशत सदस्यता वाली यूनियन को सौदेबाजी यूनियन के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिसके पास सामूहिक सौदेबाजी और शिकायत निवारण में श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का विशिष्ट अधिकार होगा। यदि यह सीमा पूरी नहीं होती है, तो समझौता परिषद का गठन किया जाएगा, जिसमें कम से कम 20 प्रतिशत सदस्यता वाली सभी ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 
नई संहिता के तहत अचानक होने वाली हड़तालों को हतोत्साहित करने और औद्योगिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए, हड़ताल की परिभाषा में संशोधन किया गया है। इसमें "सामूहिक आकस्मिक अवकाश को भी दायरे में शामिल किया गया है", जिसमें वे मामले शामिल हैं जहां किसी दिन पचास प्रतिशत से अधिक श्रमिकों द्वारा आकस्मिक अवकाश लिया गया हो। विवादों के त्वरित समाधान, संघर्षों को कम करने और काम के अचानक रुकने से बचने के लिए, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 सभी प्रतिष्ठानों के लिए हड़ताल से पहले 14 दिन का पूर्व नोटिस देने का अनिवार्य प्रावधान करती है। 
संहिता यह स्थापित करती है कि 300 या अधिक श्रमिक नियोजित करने वाले औद्योगिक प्रतिष्ठानों को छंटनी, कार्यमुक्ति, या अपने औद्योगिक प्रतिष्ठान को बंद करने के लिए समुचित सरकार से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। यह सीमा 100 से बढ़ाकर 300 कर दी गई है, जिसमें राज्यों को इस सीमा को और बढ़ाने का लचीलापन दिया गया है। --आईएएनएस

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