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सरकार किसानों को यूरिया का कम इस्तेमाल करने के लिए कर रही प्रोत्साहित, वैकल्पिक उर्वरकों को अधिसूचित किया

Source : business.khaskhabar.com | Aug 06, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 government is encouraging farmers to use less urea notified alternative fertilizers 742333नई दिल्ली । खेती के लिए संतुलित और उचित उर्वरकों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने वैकल्पिक उर्वरकों जैसे ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर, बायो-फर्टिलाइजर, डी-ऑइल केक, ऑर्गेनिक कार्बन वर्धक और नैनो-फर्टिलाइजर को अधिसूचित किया है। 
इस उद्देश्य देश में खेती में पोषक तत्व प्रबंधन को प्रोत्साहित करना है। 
मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता योजना वर्ष 2014 में शुरू की गई थी जिसका उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य और उसकी उत्पादकता में सुधार के लिए जैविक खादों और जैव-उर्वरकों के साथ-साथ द्वितीयक और सूक्ष्म पोषक तत्वों सहित रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण उपयोग के माध्यम से एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (आईएनएम) को बढ़ावा देने में राज्यों की सहायता करना है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मृदा नमूनों को मानक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए प्रसंस्करण किया जाता है और विभिन्न मापदंडों जैसे पीएच, विद्युत चालकता (ईसी), जैविक कार्बन, उपलब्ध नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर और सूक्ष्म पोषक तत्वों (जस्ता, तांबा, लोहा, मैंगनीज और बोरॉन) के लिए उनका विश्लेषण किया जाता है।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उनकी मिट्टी की पोषक स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करता है और मृदा स्वास्थ्य एवं उसकी उर्वरता में सुधार के लिए पोषक तत्वों की उचित खुराक के बारे में सुझाव देता है।
इस योजना के तहत, किसानों को 25.13 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। देश भर में लगभग 93,781 किसान प्रशिक्षण सत्र, 6.80 लाख प्रदर्शनियां, मृदा स्वास्थ्य कार्ड अनुशंसाओं पर 7,425 किसान मेले/अभियान आयोजित किए गए हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में परम्परागत कृषि विकास योजना और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के माध्यम से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाता है।
परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 31,500 रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इसमें से, जैविक खाद सहित कृषि/गैर-कृषि जैविक इनपुट के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से किसानों को 15,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की सहायता प्रदान की जाती है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट के तहत, किसान उत्पादक संगठन के निर्माण, जैविक इनपुट के लिए किसानों को सहायता आदि के लिए 3 वर्षों में प्रति हेक्टेयर 46,500 रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।"
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना के तहत किसानों को ऑफ-फार्म/ ऑन-फार्म जैविक इनपुट के लिए 32,500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के रूप में 15,000 रुपए शामिल हैं।
--आईएएनएस
 

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