कोविड-19 समय में भारत में टॉप पर रहे जियो-एयरटेल
Source : business.khaskhabar.com | Aug 31, 2020 | 

न्यूयॉर्क। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा'
और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की 'गुलाबो सिताबो' को लेकर एक रोचक डेटा
सामने आया है।
नील्सन एंड ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल
(बीएआरसी) के प्रमुख सुनील लुल्ला द्वारा जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में
सामने आया है कि एमेजॉन प्राइम वीडियो पर आई 'गुलाबो सिताबो' और डिज्नी
प्लस हॉट स्टार पर 24 जुलाई को रिलीज हुई 'दिल बेचारा' के लॉकडाउन अवधि
के दौरान क्रमश: 6 जून से 3 जुलाई और 1 जुलाई से 20 अगस्त के बीच बराबर
पसंद किया गया।
जाहिर है सुशांत मरने से पहले इतने बड़े स्टार नहीं
थे लेकिन उनकी मौत के बाद दर्शकों की पसंद में इतना बड़ा अंतर देखने को
मिला। ये अंतर क्यों आया, इसका कारण भी इस रिपोर्ट में नजर आता है।
कोविड-19
दौर में क्वारंटीन के दौरान स्मार्टफोन और टीवी में कौन जीता, इस पर भी
बीएआरसी ने जबाव दिया। भारत ने 33 वें सप्ताह में 4 घंटे 17 मिनट टीवी
देखी, इसके मुताबिक हर दिन के 36 मिनट हुए। लेकिन अनलॉक के तीसरे चरण में 3
लोगों ने हर दिन स्मार्टफोन पर 3 घंटे 14 मिनट बिताए, जो कि टीवी तुलना
में 5 गुना से अधिक है।
यदि आप 'दिल बेचारा' के छूट न जाने के डर से
उसे पहले देखते हैं और बीच में टीवी पर सुशांत की मौत की पुलिस
इन्वेस्टिगेशन का शोरगुल सुनकर आप शायद फिल्म को रोक देंगे।
कुल
मिलाकर लड़ाई अभी पूरी तरह स्मार्टफोन बनाम टीवी की नहीं है, बल्कि दर्शक
दोनों को ही देख रहा है। इतना ही नहीं स्मार्टफोन पर वे केवल फिल्में नहीं
देख रहे बल्कि वे व्हाट्सऐप, ट्विटर, कॉल आदि भी कर रहे।
स्मार्टफोन
के 194 मिनट के दैनिक उपयोग में हम किस चीज को कितना समय दे रहे हैं,
बीएआरसी में इस पर भी फोकस किया गया है। कॉल करने के पारंपरिक उपयोग पर
खर्च किया गया समय केवल 10 फीसदी है। इसके अलावा चैट और वॉइस ओवर इंटरनेट
प्रोटोकॉल-वीओआईपी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। सोशल नेटवकिर्ंग का
समय 10 फीसदी रहा। ब्राउजिंग, ऑफलाइन मीडिया, ई-कॉमर्स, ट्रेडिंग और
ट्रेडिंग को दिया गया कुल समय 15 प्रतिशत है। यूटिलिटी और फोन फीचर्स को 19
प्रतिशत समय दिया गया। इस सबके बाद स्मार्टफोन पर वीडियो स्ट्रीमिंग और
गेम के लिए हमारे मिनट 22 प्रतिशत बच रहे हैं, जोकि मिनटों के हिसाब में 40
मिनट होते हैं।
यानि कि टीवी को रोजाना दिए गए 36 मिनट से 10 प्रतिशत ज्यादा, वो भी पूरे हफ्ते।
स्पष्ट
रूप से, सामग्री निर्माताओं के लिए दो-स्क्रीन पर अपना कंटेंट परोसना आसान
नहीं है। ऐसे में दर्शक की पसंद है कि वह कहां समय देता है।
अब
ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात करें तो जब एमेजॉन प्राइम एक संस्करण में बाजी
मारता है तो डिजनी प्लस हॉटस्टार किसी और में। वहीं भारत की प्रमुख टेलीकॉम
कंपनियों की बात करें तो एयरटेल और जियो दोनों बार जीते हैं।
सुनील
मित्तल और मुकेश अंबानी की टीमों को लेकर देखें तो वित्त वर्ष 2020-21 की
पहली तिमाही के दौरान जियो के जरिए 14.2 एक्सबाइट्स डेटा निकला है। जो कि
1,420 करोड़ जीबी होता है यानि कि हर महीने में 4,700-4,800 करोड़ जीबी।
लगभग 398 मिलियन यानि कि 39.8 करोड़ ग्राहकों के लिहाज से कहें तो प्रति
महीने प्रति ग्राहक 12.1 जीबी डेटा।
मित्तल के एयरटेल की कहानी भी
ऐसी है। इसके 138 मिलियन यानि कि 13.8 करोड़ ग्राहक हैं, जो कि प्रति
व्यक्ति 16.3 जीबी का उपयोग करते हैं। इस तरह एयरटेल से हर दिन 74.09
पेटाबाइट्स होता है। यह भी इस तिमाही के 42.90 से अधिक है।
जियो का
मुख्य काम कंविनेंस और अच्छे नेटवर्क की पेशकश करने की है जो 8,000 करोड़
वॉयस मिनट (994 मिनट/ग्राहक/माह) को कंपनी को पहली तिमाही में रिपोर्ट करता
है और उन्हें डेटा उपयोग में परिवर्तित करता है। इसी तरह मित्तल इसे अपने 4
जी में परिवर्तित करता है। (आईएएनएस)
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