RBI ने रेपो रेट 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखा; रियल एस्टेट सेक्टर ने आगे भी जारी रहने वाली ग्रोथ की जताई उम्मीद
Source : business.khaskhabar.com | Aug 06, 2025 | 
नईदिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अगस्त 2025 की बैठक में रेपो रेट को 5.50% पर यथावत बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह कदम वैश्विक और घरेलू अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक स्थिरता बनाए रखने की दिशा में उठाया गया है। यह RBI के संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो विकास को समर्थन देने के साथ-साथ मुद्रास्फीति को लक्षित दायरे में रखने पर केंद्रित है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति के आकलन के पश्चात, एमपीसी ने मौद्रिक नीति रेपो दर को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया। इसके परिणामस्वरूप, चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के अंतर्गत स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) दर 5.25 प्रतिशत पर यथावत् बनी रहेगी तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 5.75 प्रतिशत पर बनी रहेगी।”
मल्होत्रा ने आगे कहा, “ प्रशुल्क (टैरिफ़) संबंधी अनिश्चितताएँ अभी भी उभर रही हैं। मौद्रिक नीति का संचरण अभी भी जारी है। फरवरी 2025 से दरों में होने वाली 100 बीपीएस की कटौती का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव अभी भी स्पष्ट नहीं है।”
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, “आरबीआई द्वारा रेपो रेट को वर्तमान स्तर पर बनाए रखने का निर्णय स्थिर मुद्रास्फीति के बीच आर्थिक सुधार को समर्थन देने के उसके संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। लगातार तीन बार रेपो रेट में कटौती के बाद ऋण लेने की लागत में उल्लेखनीय कमी आई है, और वर्तमान नीति रुख यह सुनिश्चित करता है कि ब्याज दरें किफायती स्तर पर बनी रहें। इससे उपभोक्ताओं का विश्वास कायम रहेगा और रियल एस्टेट सहित प्रमुख क्षेत्रों में जारी गति को समर्थन मिलेगा।
नीतिगत रुख में कोई बदलाव न होना रियल एस्टेट क्षेत्र की विकास गति को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा। ब्याज दरों की स्थिरता और मजबूत उपभोक्ता विश्वास के चलते डेवलपर्स से उम्मीद है कि वे नई परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए गुणवत्तापूर्ण आवास की निरंतर मांग को पूरा करेंगे। यह निरंतर गतिविधि आने वाले तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि, रोजगार सृजन और शहरी बुनियादी ढांचे के विस्तार में रियल एस्टेट क्षेत्र के योगदान को और मजबूत करेगी।“
कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा, “आरबीआई द्वारा रेपो रेट को यथावत बनाए रखने का निर्णय वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। हालांकि रियल एस्टेट क्षेत्र में व्यापक रूप से अपेक्षा की जा रही थी कि दरों में कटौती की जाएगी, जिससे विभिन्न श्रेणियों में घरों की मांग और तेज़ हो सकती थी, फिर भी पहले इस वर्ष किए गए 100 बेसिस प्वाइंट की संचयी कटौती के चलते उधारी लागत अब भी अपेक्षाकृत अनुकूल स्तर पर बनी हुई है। इसके परिणामस्वरूप, हाउसिंग मार्केट की वृद्धि अपनी ऊपर की दिशा में बनी रहने की संभावना है।
त्योहारों का मौसम नज़दीक आने के साथ, स्थिर ब्याज दरें और पहले की गई दर कटौतियों का असर जारी रहने से खासकर मिड और प्रीमियम सेगमेंट में आवास की मांग मजबूत बनी रहने की उम्मीद है। खरीदारों की सकारात्मक सोच और डेवलपर्स की आकर्षक पेशकशों के चलते बाज़ार में विश्वास बना हुआ है, और हमें आने वाले महीनों में बिक्री की गति लगातार बनी रहने की संभावना है।”
एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के को-सीईओ रॉल कपूर, ने कहा, “जैसा कि उम्मीद थी, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को यथावत रखा है, जबकि मानसून अच्छा रहा है और महंगाई दर भी संतोषजनक स्तर से काफी नीचे बनी हुई है। यह निर्णय मौजूदा भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वैश्विक टैरिफ से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया प्रतीत होता है।
हालांकि, पिछले तीन मौद्रिक नीति समिति की बैठकों में कुल मिलाकर 100 बेसिस पॉइंट की कटौती से उधारी की लागत में पहले ही उल्लेखनीय कमी आई है। जैसा कि RBI गवर्नर ने भी बताया, इन कटौतियों का पूरा असर अभी सामने आना बाकी है, और हमें उम्मीद है कि आगामी त्योहारों के सीजन के दौरान होम लोन और पर्सनल लोन जैसे खुदरा क्रेडिट की मांग में और तेजी आएगी”
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