उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक ने वित्त 1 लाख करोड़ रुपए का ग्रॉस लोन बुक हासिल करने का रोडमैप किया तैयार
Source : business.khaskhabar.com | Sep 09, 2025 | 
औरंगाबाद। उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (उज्जीवन एसएफबी) ने वित्त वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रूपए की ग्रॉस लोन बुक (जीएलबी) हासिल करने के लिए अपनी रणनीतिक योजना तैयार की है। बैंक की यह योजना 2017 में स्मॉल फाइनेंस बैंक के रूप में परिचालन शुरू करने के बाद से हुई प्रगति पर आधारित है। बैंक का यह विकास लायबिलिटी फ्रेंचाइजी के निरंतर विस्तार, एसेट प्रोडक्ट सूट की पहुँच को गहरा करने और लागत-अनुकूल परिचालन के निर्माण पर केंद्रित है, जिससे उच्च और स्थायी लाभप्रदता मिल सके।
विविध लोन पोर्टफोलियो: उज्जीवन अपने लोन पोर्टफोलियो में धीरे-धीरे विविधता लाया है, जहाँ वित्त वर्ष 2019 में सिक्योर्ड लेंडिंग 16% थी, वहीं वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक यह बढ़कर 46% हो गई है। बैंक का लक्ष्य किफायती आवास, माइक्रो मॉर्गेज, एमएसएमई लेंडिंग, वाहन वित्त, गोल्ड लोन और कृषि ऋणों में वृद्धि के साथ अपने सिक्योर्ड लोन बुक की हिस्सेदारी को लगभग 65%-70% तक बढ़ाना है। इसके अतिरिक्त, बैंक मिड कॉर्पोरेट लेंडिंग के लिए उत्पाद जोड़कर अपने प्रोडक्ट सूट का विस्तार करना चाहता है। हालाँकि, माइक्रो बैंकिंग पोर्टफोलियो, जिसमें मुख्य रूप से ग्रुप लोन शामिल हैं, स्केल का आधार है, लेकिन बैंक का इरादा है कि जैसे-जैसे ग्राहक प्रगति करेंगे, वे व्यक्तिगत ऋणों का पोर्टफोलियो भी बढ़ाएँगे।
लायबिलिटी फ्रेंचाइजी: उज्जीवन ने एक ग्रेन्युलर लायबिलिटी फ्रेंचाइजी का निर्माण किया है, जिसमें वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक कुल 38,619 करोड़ रुपए के डिपॉजिट बेस में से खुदरा डिपॉजिट (सीएएसए और रिटेल टर्म डिपॉजिट) 72% हैं। सीएएसए बैलेंस 9,381 करोड़ रुपए था, जो डिपॉजिट का 24.3% है और इसका दीर्घकालिक उद्देश्य वित्त वर्ष 2030 तक कुल डिपॉजिट का 35% तक सीएएसए पहुँचाना है। इस विकास को शाखा नेटवर्क के नियोजित विस्तार (752 से लगभग 1,150 शाखाओं तक), विस्तारित ग्राहक आधार तक गहरी क्रॉस-सेल और आईपीओ-एएसबीए, म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूशन, रेमिटेंस और को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड सहित उत्पादों के सूट द्वारा समर्थित किया जाएगा।
लाभप्रदता और जोखिम प्रोफाइल: जैसे-जैसे बैंक अपने निष्पादन को बढ़ाएगा, मुख्य फोकस क्षेत्रों में अपनी टेक्नोलॉजी/डिजिटल स्टैक के ढाँचे को अनुकूलित करना, सही आकार के कर्मचारियों की संख्या, परिचालन खर्चों को तर्कसंगत बनाना, उत्पादकता बढ़ाना और अपनी शाखा तथा अन्य भौतिक बुनियादी ढाँचे का विवेकपूर्ण रोल आउट करना होगा। ये सब बैंक को अपने लागत-आय अनुपात को 55% के करीब लाने में सक्षम बनाएँगे। इसे अपनी क्रेडिट अंडरराइटिंग और कलेक्शन प्रणाली के साथ जोड़कर, बैंक को विवेकपूर्ण लाभ उठाने के साथ 1.8%-2.0% का आरओए और वित्त वर्ष 2030 तक 16%-18% का आरओई प्रदान करने में मदद मिलेगी।
पूँजी की स्थिति: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक 22.8% के सीआरएआर और 21.2% के टियर 1 के साथ, उज्जीवन आराम से पूँजीकृत बना हुआ है। कम जोखिम भार वाले सिक्योर्ड लोन की ओर एसेट बुक में बदलाव न केवल पूँजी दक्षता को बढ़ाता है, बल्कि पूँजी जुटाने की तत्काल आवश्यकता के बिना दीर्घकालिक विकास का समर्थन करने के लिए भी गुंजाइश प्रदान करता है।
बैंक की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ, संजीव नौटियाल ने कहा, “वित्त वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपए की ग्रॉस लोन बुक का हमारा रोडमैप स्मॉल फाइनेंस बैंक बनने के बाद से स्थापित नींव पर आधारित है। इस अवधि में, हमने वित्त वर्ष 2017 में अपने ग्रॉस लोन बुक को 7,560 करोड़ रुपए से बढ़ाकर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 33,287 करोड़ रुपए कर दिया है।“
हमारी रणनीति हमारे शाखा नेटवर्क को 752 से बढ़ाकर लगभग 1,150 करने, लोन बुक के सिक्योर्ड हिस्से को 65%-70% तक बढ़ाने, सीएएसए को डिपॉजिट का 35% तक बढ़ाने और शाखा उत्पादकता को दोगुना करने पर केंद्रित है।
हम वित्त वर्ष 2030 में 16%-18% का आरओई और 1.8%-2.0% का आरओए हासिल करने के उद्देश्य से 20%-25% की सीमा में वार्षिक ग्रॉस लोन बुक वृद्धि की उम्मीद करते हैं। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 97 लाख से अधिक के विविध और बढ़ते ग्राहक आधार के साथ, हम एक बढ़ते भारत के बड़े पैमाने पर, आकांक्षी और उभरते संपन्न वर्गों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखते हुए इन प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।
[@ इस दिशा में हो मंदिर, तो घर में होती है कलह]
[@ अरे वाह...बकरी के बच्चे के साथ योगा:देखें PIX]
[@ गर्भावस्था के दौरान उल्टी, तो अपनाएं ये 5 उपाय]