हिंदुस्तान जिंक बोर्ड ने ₹12,000 करोड़ के निवेश के साथ क्षमता दोगुनी करने के पहले चरण को दी मंजूरी
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की महत्वाकांक्षी योजना के पहले चरण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना पर कंपनी करीब ₹12,000 करोड़ का निवेश करेगी। कंपनी के निदेशक मंडल ने प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है, जिसके तहत अगले 5 से 10 वर्षों में भारत में जिंक की बढ़ती मांग को देखते हुए उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी।
कौशल विकास में निर्धारित नियम नहीं हो सकते : केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी
कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने कहा कि कौशल विकास के लिए कोई निश्चित रूपरेखा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सार्थक प्रभाव और निरंतर परिवर्तन के लिए हमें राज्यों को ऐसे समाधान तैयार करने के लिए सशक्त बनाना चाहिए, जो उनके युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप हों।
भारत का व्यापार घाटा मई में घटकर 21.88 बिलियन डॉलर रह गया
सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापार घाटा इस वर्ष मई में घटकर 21.88 बिलियन डॉलर रह गया, जो अप्रैल में 26.42 बिलियन डॉलर था।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, अंतर्देशीय उत्पादन बढ़कर 147 लाख टन हुआ : केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जहां 2013-14 से अंतर्देशीय उत्पादन 142 प्रतिशत बढ़कर 147 लाख टन हो गया है।
देश में आने वाले महीनों के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति : हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया कि देश में आने वाले महीनों के लिए पेट्रोल, डीजल, जेट ईंधन और एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.17 बिलियन डॉलर बढ़ा
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6 जून को समाप्त हुए सप्ताह में 5.17 बिलियन डॉलर बढ़कर 696.66 बिलियन डॉलर हो गया है। आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए डेटा में यह जानकारी दी गई।
रीको की प्रत्यक्ष भूखंड आवंटन योजना के तीसरे चरण की शुरूआत 16 जून से
प्रमुख शासन सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग एवं रीको चेयरमैन अजिताभ शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार इसी वर्ष 11-12 दिसंबर-2025 में राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव के अंतर्गत हुए एमओयू के धरातल पर उतरने के परिणामों को समीक्षा करके जनता के समक्ष लाने जा रही है। इसके लिए हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक एमओयू कम समय में औद्योगिक इकाई में परिवर्तित हों और निवेशक को जो भी समस्या आ रही है उसका तत्काल समाधान हो। औद्योगिक इकाई लगाने के लिये भूखण्ड प्राप्त करने में उद्यमी को सुविधा हो, रीको की प्रत्यक्ष आवंटन योजना इसी उद्देश्य से लाई गई है। प्रथम एवं द्वितीय चरण में निवेशकों का रूझान देखने के पश्चात् तृतीय चरण प्रारंभ किया गया है।