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पीएमएवाई-जी योजना के तहत बने 2.68 करोड़ घरों में से 73 प्रतिशत महिलाओं के नाम : केंद्रीय मंत्री

Source : business.khaskhabar.com | Dec 18, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 73 percent of the 268 crore houses built under pmay g scheme are in the name of women union minister 690448नई दिल्ली । प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत इस साल 13 दिसंबर तक 2.68 करोड़ घर बनकर तैयार हो चुके हैं, जिनमें से 72.66 लाख घर पूरी तरह महिलाओं के नाम पर हैं और 1.22 करोड़ घर पत्नी और पति के नाम पर हैं।


लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, पीएमएवाई-जी के तहत महिलाओं के स्वामित्व वाले घरों की कुल संख्या 1.95 करोड़ हो गई है, जो कि पूरे हो चुके घरों का 73 प्रतिशत है।

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने निचले सदन में एक लिखित जवाब में कहा कि पीएमएवाई-जी दिशा-निर्देश महिलाओं के नाम पर या उनके पति के साथ मिलकर घर को मंजूरी देने का प्रावधान करते हैं।

महिलाओं के सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने के लिए, एक परामर्श जारी किया गया है।

इसमें कहा गया है कि पीएमएवाई-जी के तहत सभी घरों में स्वामित्व के लिए स्वीकृत की गई डिटेल्स (अकेले या संयुक्त स्वामित्व में) में परिवार की महिला सदस्यों के नाम शामिल होने चाहिए।

इसी के साथ महिला सदस्य को स्वीकृति पत्रों में सेकंडरी ओनर के रूप में जोड़ा जा सकता है, जहां प्रारंभिक स्वीकृति पहले से ही पुरुष सदस्य के नाम पर दी गई है।

केंद्रीय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में "सभी के लिए आवास" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, ग्रामीण विकास मंत्रालय 1 अप्रैल 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लागू की है।

इस योजना का उद्देश्य पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करना है, जिसका लक्ष्य मार्च 2029 तक बुनियादी सुविधाओं के साथ 4.95 करोड़ पक्के घरों का निर्माण करना है।

केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 3.33 करोड़ घरों का आवंटन किया गया है, जिनमें से 3.22 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 2.68 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।

इसके अलावा, पीएमएवाई-जी की महिला लाभार्थी आजीविका और रोजगार के अवसरों के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि डीएवाई-एनआरएलएम योजना स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता करती है।

इन एसएचजी के सदस्य अपने व्यवसायों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए ऐसे ऋणों का उपयोग करते हैं।

इस मिशन की शुरुआत से लेकर अब तक महिलाओं के नेतृत्व वाले एसएचजी को कुल 9.74 लाख करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित किए जा चुके हैं।

इसके अलावा, डीएवाई-एनआरएलएम ने देश भर में 10.05 करोड़ ग्रामीण परिवारों को 90.87 लाख एसएचजी में संगठित किया है।

--आईएएनएस

 

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