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कपड़ा उद्योग पर नोटबंदी, जीएसटी व रुपए की मजबूती का प्रतिकूल असर

Source : business.khaskhabar.com | Aug 31, 2017 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 noteban gst and rupee strength adverse effect on garment business 251970नई दिल्ली। प्रमुख आयातक देशों में मांग कम होने के रुझान के बीच भारतीय कपड़ा उद्योग का निर्यात अस्थिर और हतोत्साहित बना हुआ है, क्योंकि वैश्विक कपड़ा व्यापार में वृद्धि नहीं हो रही है। मूडीज की निवेश सेवा कंपनी आईसीआरए की रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई है। आईसीआरए की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक परिधान व्यापार में गिरावट लगातार तीसरे साल जारी है, जो वैश्विक कपड़ा व्यापार के रुझान का संकेत है।

आईसीआरए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (कॉरपोरेट सेक्टर रेटिंग) जयंत रॉय ने बताया, यद्यपि हमने पिछले 18 महीनों में विकास के संक्षिप्त चरणों को देखा है, लेकिन यह प्रवृत्ति निर्थक रही है और आत्मविश्वास को स्थापित करने में असफल रही है। ऐसे परिदृश्य में, भारत के कपड़ा निर्यात में निरंतर वृद्धि चुनौतीपूर्ण है। हालिया महीनों में भारतीय रुपये में मजबूती से चुनौतियां और बढ़ी है, जिससे वैश्विक समकक्षों के मुकाबले भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल की गई नोटबंदी के तात्कालिक दुष्प्रभाव के बाद कपड़ा उद्योग अब जीएसटी शासन में परिवर्तन के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है।

इसके कारण वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कपड़ा उत्पादन में 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जबकि वित्त वर्ष 2016 में इसकी वृद्धि दर शून्य थी और वित्त वर्ष 2017 में इसमें 2 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके साथ ही आईसीआरए ने उम्मीद जताई है कि भारतीय निर्यातकों तथा घरेलू कपड़ा/परिधान निर्माताओं का वित्तीय जोखिम प्रोफाइल निकट अवधि में स्थिर रहेगा।

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